कहते हैं जो काम बड़ी-बड़ी लड़ाईयां नहीं कर सकती, वो काम आपकी मुस्कान कर सकती हैं. ये मुस्कान अगर हंसी में बदल जाए, तो बात ही क्या है. हंसी एक औषधि है, जिसके बहुत से फायदे हैं. तन-मन को निखारने के लिए हंसी सबसे अच्छी थेरेपी है. आपने अपने आसपास ऐसे कई लोगों को देखा होगा, जो हमेशा हंसते रहते हैं. वहीं कुछ लोग ऐसे होते हैं, जो हंसते बेशक ना हो, लेकिन हर बात पर मुस्कुरा जरूर देते हैं. समुद्रशास्त्र में व्यक्तियों के हंसने के तरीकों के आधार पर उनके स्वभाव का उल्लेख किया गया है.
खिलखिलाकर जोर से हंसने वाले लोग
जो लोग हंसने में कंजूसी नहीं करते हैं, यानी खिलखिलाकर हंसते हैं, ऐसे लोग उत्साही प्रवृति के होते हैं. ऐसे व्यक्तियों की बौद्धिक क्षमता अच्छी होती है और सहनशील होते हैं. इनके मन में छल कपट की भावना नहीं रहती. जरूरत पड़ने पर लोगों की मदद के लिए सदैव तैयार रहते हैं.
ठहाका मारकर हंसने वाले लोग
कुछ लोग हंसते समय तेज आवाज निकालते हैं. इस तरह की हंसी अट्टाहास या ठहाके वाली हंसी होती है. जिन हंसी वाले लोग स्वाभिमानी और परिश्रमी होते हैं. ऐसे लोग जीवन में सफल भी होते हैं.
मंद मुस्कान वाली हंसी
कई लोग मंद मुस्कान के साथ हंसते हैं. जिन लोगों की ऐसी हंसी होती है वो बुद्धिमान और गंभीर प्रवृति के होते हैं. ऐसे लोगों को जल्दी क्रोध नहीं आता है और कठिन समय में धैर्य से काम लेते हैं.
बीच में रुक-रुककर हंसने वाले लोग
कुछ लोग हंसने में भी कंजूसी करते हैं यानी रूक-रूक कर हंसते हैं या किसी बात पर देर से इन्हें हंसी आती है. ऐसे लोगों की बौद्धिक क्षमता सामान्य होती है. ऐसे लोग विवेक की बजाय भावना से काम लेते हैं. बचत की प्रवृति इनमें खूब होती है. …Next
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