आपको याद होगा, स्कूल के दिनों में दिवाली के एक दिन पहले बच्चे एक-दूसरे को ‘छोटी दिवाली’ विश करते थे बल्कि आज भी वाट्सअप, फेसबुक पर लोग छोटी दिवाली की शुभकामनाएं देते हैं, लेकिन आखिर ये छोटी दिवाली है क्या? कैलेंडर या कहीं भी ‘छोटी दिवाली’ नहीं लिखा. फिर क्यों लोग दिवाली के एक दिन पहले के दिन को छोटी दिवाली कहते हैं.
दरअसल, दिवाली के एक दिन पहले ‘नरक चतुर्दशी’ होती है. कुछ जगहों पर इसे ‘रूप चतुर्दशी’ भी कहा जाता है.
क्या है नरक चतुर्दशी
ये दिन बुराईयों को घर से बाहर निकालने का दिन है. घर में साफ-सफाई ही नहीं बल्कि मन में छुपी नकरात्मकता को भी बाहर निकाल देना चाहिए. इस दिन यम की पूजा भी की जाती है. दक्षिण दिशा को यमराज की दिशा भी माना जाता है, इसलिए रात के समय दक्षिण दिशा की ओर दिए जलाए जाते हैं.
श्रीकृष्ण की 16 हजार राजकुमारियों का सत्य
एक पौराणिक कथा के अनुसार भगवान श्रीकृष्ण ने राक्षस नरकासुर का इस दिन वध किया था. नरकासुर कामवासना में लिप्त रहने वाला राक्षस था, जो स्त्रियों की इच्छा के विरूद्ध उन्हें जबरन अपने पास रखकर उन्हें शारीरिक और मानसिक प्रताड़ना देता था. श्रीकृष्ण ने नरकासुर का वध करके 16 हजार राजकुमारियों को इस राक्षस की कैद से मुक्त करवाया था. इन राजकुमारियों को इनके घरवाले अपनाने को तैयार नहीं थे, इसी कारण श्रीकृष्ण ने इन राजकुमारियों को सामाजिक स्वीकृति देने के लिए, इनसे विवाह करके इन राजकुमारियों के साथ अपना नाम जोड़ लिया. इन राजकुमारियों के लिए एक आलीशान महल बनवाया गया, जहां ये अपनी इच्छानुसार यहां रहती थीं. वहीं श्रीकृष्ण की 8 रानियों थीं, उनके साथ इन 16 हजार राजकुमारियों को भी जोड़कर कहा जाने लगा कि श्रीकृष्ण की 16 हजार 8 रानियां थीं.
इसलिए कहते हैं ‘छोटी दिवाली’
इस दिन को छोटी दिवाली इसलिए कहा जाता है क्योंकि इस दिन बड़ी या मुख्य दिवाली की तुलना में कम दिए जलाए जाते हैं. दक्षिण दिशा में 5 या 7 दिए जलाए जाते हैं. …Next
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