Menu
blogid : 19157 postid : 1335519

महाभारत की नायिका द्रौपदी थी इस देवी का अवतार, जानें ये खास बातें

अपमान न्याय अन्याय बदला और विध्वंस कुछ ऐसे शब्द हमारे दिमाग में आते हैं, जब हम महाभारत का नाम सुनते हैं महाभारत के हर चरित्र की अपनी ही कहानियां है हर किरदार का व्यक्तित्व उनकी परिस्थितियों, पुर्नजन्म से प्रभावित दिखते हैं. आज हम आपको महाभारत के उन्हीं पात्रों के बारे में बताने जा रहे हैं, जो किसी देवी-देवता के अवतार थे.

cover maha

भगवान श्रीकृष्ण

श्रीकृष्ण को 64 कलाओं और अष्ट सिद्धियों से परिपूर्ण माना जाता है. ऐसा माना गया है कि वे स्वयं भगवान विष्णु के अवतार थे. श्रीकृष्ण के इस अवतार के बाद ही कलियुग का आगमन हुआ था.

lord-krishna-

बलराम

श्रीकृष्ण के भाई बलराम शेषनाग के अवतार थे. कृष्ण के बड़े भाई होने की वजह से उन्हें ‘दाउजी’ के नाम से भी जाना जाता है. महाभारत के युद्ध के दौरान बलराम किसी के पक्ष में नहीं थे और तटस्थ होकर तीर्थयात्रा पर चले गए.

Balarama

भीष्म

श्रीकृष्ण के बाद अगर महाभारत का कोई सबसे प्रमुख और चर्चित पात्र रहा तो वो हैं “भीष्म” पितामाह. पांच वसुओं में से एक ‘द्यु’ नामक वसु ने देवव्रत के रूप में जन्म लिया था.

bhishma



द्रोणाचार्य

कौरवों और पांडवों के गुरु रहे द्रोणाचार्य अत्यंत शक्तिशाली और पराक्रमी योद्धा थे. माना जाता है देवताओं के गुरु बृहस्पति देव ने ही द्रोणाचार्य के रूप में जन्म लिया था.



Read:  महाभारत युद्ध के बाद भीम को जलाकर भस्म कर देती ये स्त्री, ऐसे बच निकले



कर्ण

कुंती ने विवाह पूर्व कर्ण को जन्म दिया था. उन्हें सूर्यपुत्र कर्ण भी कहा जाता है, क्योंकि कर्ण का जन्म सूर्यदेव के आशीर्वाद से हुआ था. माना जाता है अपने पूर्व जन्म में कर्ण एक असुर थे.

karna-death-tv-mahabharat

दुर्योधन

धृतराष्ट्र और गांधारी के सौ पुत्रों में सबसे बड़े पुत्र दुर्योधन का वास्तविक नाम सुयोधन था, लेकिन अपने कृत्य की वजह से उन्हें दुर्योधन नाम से जाने गए. माना जाता है दुर्योधन और उसके भाई पुलस्त्य वंश के राक्षसों के अंश थे.

Duryodhana


अर्जुन

अर्जुन को पांडु पुत्र माना जाता है, लेकिन असल में वे इन्द्र और कुंती के पुत्र थे. दानवीर कर्ण को इन्द्र का अंश ही माना जाता है.

arjun-

द्रौपदी

महाभारत की सबसे जरूरी और शायद सबसे शक्तिशाली स्त्री पात्र रहीं द्रौपदी का जन्म इन्द्राणी के अवतार के रूप में हुआ था.


अश्वत्थामा

अश्वत्थामा, गुरु द्रोण के पुत्र थे, जिन्होंने महाकाल, यम, क्रोध, काल के अंशों के रूप में जन्म लिया था. कई पौराणिक कथाओं में अश्वत्थामा को शिव का सबसे बड़ा भक्त भी माना जाता है…Next




Read More:

मृत्यु के बाद महाभारत के इन 4 योद्धाओं की थी सबसे कठिन अंतिम इच्छा

महाभारत की इस घटना में किया गया था अश्वत्थामा से छल, द्रोणाचार्य को भी सहना पड़ा था अन्याय

युधिष्ठिर के एक श्राप को आज भी भुगत रही है नारी

मृत्यु के बाद महाभारत के इन 4 योद्धाओं की थी सबसे कठिन अंतिम इच्छा
महाभारत की इस घटना में किया गया था अश्वत्थामा से छल, द्रोणाचार्य को भी सहना पड़ा था अन्याय
युधिष्ठिर के एक श्राप को आज भी भुगत रही है नारी



Read Comments

    Post a comment

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *

    CAPTCHA
    Refresh