Menu
blogid : 19157 postid : 1328218

मोहिनी रूप में विष्णु और शिव के मिलन से इस भगवान ने लिया था जन्म

महाभारत और रामायण के अलावा कई पौराणिक कहानियां पुराणों में मिलती है. ऐसी ही एक कहानी शिवपुराण में उल्लेखित है. इस कहानी के अनुसार एक राक्षस को मारने के लिए भगवान विष्णु और शिव ने संतान उत्पन्न की थी. राक्षस का वध करने के बाद भगवान विष्णु और शिव की संतान को अयप्पा नाम से जाना गया. जिनकी पूजा दक्षिण भारत में की जाती है.



cover 2

समुद्रमंथन से उत्पन्न हुई मोहिनी

जब सृष्टि के कल्याण के लिए समुद्रमंथन किया गया, तो भगवान विष्णु ने अमृत को देवताओं को देने के लिए मोहिनी रूप धारण किया. मोहिनी रूप धारण करने के पीछे एक और रहस्य था. वास्तव में महिषासुर नामक एक राक्षस को यह वरदान प्राप्त था कि उसका अंत केवल शिव और विष्णु के पुत्र द्वारा ही हो सकता है.



mohini and shiva

महिषासुर जानता था कि ये नामुमकिन है इसलिए वह धरती पर तबाही मचाता रहा लेकिन वो इस सत्य को स्वीकार नहीं करता था कि जिसने इस धरती पर जन्म लिया है उसकी मौत भी निश्चित है.



ayappa


मोहिनी रूप धारण किए विष्णु ने शिव से किया प्रेम निवेदन

भगवान शिव को भोलेनाथ इसलिए भी कहा जाता है क्योंकि उन्हें कूटनीति की राजनीति की कोई समझ नहीं है. जब मोहिनी रूप में विष्णु ने उनसे प्रेम निवेदन किया और प्राण त्यागने की चेतावनी दी, तो शिव ने एक स्त्री के प्रेम की अवेहलना नहीं की और उसे स्वीकार कर लिया. अंतत: मोहिनी और शिव का मिलना हुआ. उनकी संतान ‘अयप्पा’ ने महिषासुर का अंत किया. अयप्पा में विष्णु और शिव  दोनों के ही गुण विद्यमान हैं. …Next




Read more:

भगवान शिव क्यों लगाते हैं पूरे शरीर पर भस्म, शिवपुराण की इस कथा में छुपा है रहस्य

शिवपुराण : अगर अनुभव हो ये 12 संकेत तो समझें मौत करीब है

शिव ने इस कारण लिया था अर्धनारीश्वर का रूप, ये है रहस्य

Read Comments

    Post a comment

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *

    CAPTCHA
    Refresh