हमारे देश में जितने भी प्रसिद्ध मंदिर है. सभी से कोई न कोई पौराणिक कहानी जुड़ी हुई है. भारत को चमत्कारों का देश कहा जाता है. कहा जाता है यहां सबसे ज्यादा चमत्कार मंदिरों या धार्मिक स्थलों पर ही होते हैं. मध्य प्रदेश में ग्वालियर के नजदीकी एंती गांव में शनिदेव मंदिर से भी ऐसी ही कहानी जुड़ी हुई है.
माना जाता है जब लंकापति रावण ने शनिदेव को यहां कैद कर दिया था, तो हनुमान जी ने उन्हें मुक्त करवाया था. मुक्त होने के दौरान शनिदेव शक्तिहीन हो चुके थे. इस कारण शिथिल होकर वो जमीन पर गिर पड़े थे. जिससे यहां पर गड्ढा बन गया. कई हजारों सालों बाद यहां पर शनि देव का मंदिर निर्मित किया गया.
रामायण से जुड़ी हुई है कहानी
प्राचीन ग्रंथों में उल्लेख है कि कई दूसरे देवताओं के साथ रावण ने शनिदेव को भी बंदी बना रखा था. जब हनुमान जी लंका जलाने के लिए गए थे, तो शनिदेव ने हनुमान से मुक्ति दिलाने का आग्रह किया. हनुमान जी ने शनिदेव की सहायता करते हुए उन्हें मुक्त कर दिया. रावण ने शिव जी के दिए गए वरदान का दुरुपयोग करते हुए शनिदेव और दूसरे देवताओं को शक्तिविहीन कर दिया था. जिस कारण शनिदेव शिथिल होकर एक उल्कापिड़ की तरह मध्यप्रदेश की इस जगह पर गिर गए. तब से यह क्षेत्र ‘शनिक्षेत्र’ के नाम से विख्यात हो गया. शनि ने वापस से शक्तियां प्राप्त की और रावण और उसकी लंका पर कुदृष्टि डाल दी. जिसके सोने की लंका और उसके पूरे कुल का विनाश हो गया. देशभर से श्रद्धालु न्याय के देवता से इंसाफ की गुहार लगाने हर शनिश्चरी अमावस्या को यहां आते हैं.
शनि के प्रभाव से इस क्षेत्र में लौह अयस्क का है भंडार
जब हनुमान जी के प्रक्षेपित शनिदेव यहां आ कर गिरे तो उल्कापास-सा हुआ. शिला के रूप में वहां शनिदेव के प्रतिष्ठत होने से एक बड़ा गड्ढा बन गया. ये गड्ढा आज भी मौजूद है. शनि क्षेत्र के तौर पर मशहूर इस इलाके में उस वक्त लौह अयस्क प्रचुर मात्रा में पाया जाता था. इतिहास में प्रमाण मिले है कि ग्वालियर के आसपास लोहे का धातुकर्म बड़े पैमाने पर होता रहा था. …Next
Read More:
समुद्र शास्त्र: अगर इस उंगली पर है तिल मिलता है प्यार, दौलत और शोहरत
समुद्रशास्त्र: आपका भाग्य चमकेगा या नहीं, उंगलियों के आकार से ऐसे जानें
इस तरह की हंसी वाले लोग होते हैं किस्मत के धनी, प्रेम में नहीं मिलता इनसे धोखा
Read Comments