Menu
blogid : 19157 postid : 1320535

हनुमान ने लंका से यहां पर फेका था शनिदेव को, आज वहां है मंदिर, पूरी होती है हर मनोकामना

यह तो आपने सुना ही होगा कि जिस पर पवनपुत्र हनुमानजी की कृपा होती है, उस पर शनिदेव भी अवश्य कृपा करते हैं और हनुमानजी के भक्त पर शनिदेव कभी भी नाराजगी नहीं दिखाते. यूं तो शनिदेव और हनुमानजी के अनेक प्रसिद्ध मंदिर हैं, उनमें से एक मध्यप्रदेश में ग्वालियर के समीप एंती गांव में स्थित शनिदेव का मंदिर भी शामिल है.


cover shani


मंदिर के बारे में कहा जाता है कि यहां त्रेतायुग से ही शनिदेव की प्रतिमा विराजमान है. इसका निर्माण आसमान से गिरे उल्कापिंड से हुआ है. एवं इस शनि मंदिर का निर्माण विक्रमादित्य ने करवाया था, बाद में कई शासकों ने इसका जीर्णोद्धार भी करवाया.


shanii


पौराणिक मान्यता के अनुसार कहा जाता है कि रावण ने एक बार शनिदेव को भी कैद कर लिया था तब शनिदेव ने हनुमानजी को कहा था कि अगर वे उन्हें यहाँ से छुड़ा लेते हैं, तो वे रावण के नाश में अहम भूमिका निभाएंगे और फिर शनिदेव को हनुमानजी ने रावण की कैद से मुक्त कराया और इसी तरह हनुमानजी ने अपने बल पूर्वक से शनिदेव को आकाश में उछाल दिया और वे यहां आ गए.


sita


तभी से शनिदेव यहां विराजमान हैं, यह क्षेत्र भी शनिक्षेत्र के नाम से मशहूर हो गया है. यहां शनिवार को दूर दरार से श्रद्धालु आते हैं और आपने न्याय के लिए प्रार्थना करते हैं. इनके बारे में यह भी कहा जाता है कि जब लंका से प्रस्थान करते समय शनिदेव ने लंका को अपनी तिरछी नजरो से देखा था. इसी कारण रावण का कुल सहित नाश हो गया.



यहां शनिदेव को तेल अर्पित करने के बाद उनसे गले मिलने की परंपरा है. यहां आने वाले भक्त शनिदेव को तेल अर्पित कर उनके गले मिलते हैं और उनसे अपनी समस्याओं का जिक्र करते हैं. कहा जाता है कि ऐसा करने से शनिदेव उस व्यक्ति की सारी परेशानियों को दूर कर देते हैं. माना जाता है कि राजा विक्रमादित्य ने शनिदेव मंदिर का निर्माण करवाया था…Next


Read More:

अगर आपके जीवन में भी भारी है शनि, तो शनिवार को करें ये उपाय

इन आठ तरीकों से करें शनि के प्रकोप को शांत

भगवान शिव क्यों लगाते हैं पूरे शरीर पर भस्म, शिवपुराण की इस कथा में छुपा है रहस्य

अगर आपके जीवन में भी भारी है शनि, तो शनिवार को करें ये उपाय

इन आठ तरीकों से करें शनि के प्रकोप को शांत

भगवान शिव क्यों लगाते हैं पूरे शरीर पर भस्म, शिवपुराण की इस कथा में छुपा है रहस्य

Read Comments

    Post a comment

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *

    CAPTCHA
    Refresh