गरूणपुराण के बारे में सुनते ही मृत्यु के बाद दूसरे लोक से जुड़ी बातों का विचार आता है. किसी मनुष्य ने अपने जीवन में कैसे कर्म किए हैं उसका फल गरूणपुराण के अनुसार मिलता है. जीवन में आपने भी कभी न कभी गरूड़पुराण में उल्लेख किए गए दंड और आत्मा के परलोक गमन के विभिन्न चरणों के बारे में जरूर सुना होगा. गरूड़पुराण में मृत्यु के बाद आत्मा की शांति से जुड़े कर्मकांड के अलावा जीवन से जुड़े संस्कारों का उल्लेख भी किया गया है. गरूड़पुराण के अनुसार 5 बातों को अपनाने से भाग्य में आई बड़ी से बड़ी बाधा को टालकर सफलता को प्राप्त किया जा सकता है.
भगवान विष्णु
गरूड़पुराण के अनुसार भगवान विष्णु अपने भक्तों के दुखों को खत्म करके उसे सुख और शांति देते हैं, इसलिए भगवान विष्णु की पूजा अर्चना करनी चाहिए. इसके लिए स्नान आदि कर खुद को पहले शुद्ध कर लें. भगवान विष्णु को पालनकर्ता माना जाता है, इसलिए हमेशा भगवान विष्णु के नाम को जपना चाहिए.
एकादशी-व्रत
एकादशी व्रत को ग्रंथों और पुराणों में श्रेष्ठ बताया गया है. इनके अनुसार जो व्यक्ति एकादशी का व्रत रखता है उसे इसका निश्चित लाभ मिलता है. इस व्रत को रखने से इच्छाशक्ति बढ़ती है. इस व्रत को करने से जीवन में एकाग्रशक्ति भी बढ़ती है, जिससे अपने बड़े से बड़े उद्देश्य को पूरा किया जा सकता है.
गंगा नदी
सभी नदियों में गंगा नदी को देवी माना गया है, इसलिए इनकी पूजा करना चाहिए. पुराणों में तो गंगा को एक नदी ही नहीं बल्कि देवी के समान माना गया है. किसी रूप में इनका अपमान आपको भारी पड़ सकता है. हालांकि, कलियुग में मनुष्य ने गंगा को दूषित किया है जो समस्त जीवों के लिए दुर्भाग्यपूर्ण है.
तुलसी
तुलसी त्याग की प्रतीक हैं, इन्हें अपने घर में स्थान देने तथा जल देने से अवरुद्ध विकास भी खुल जाते हैं. इन्हें भगवान के प्रसाद में सेवन करने से सारे विकार दूर होते हैं. विष्णु जी की पूजा के पश्चात इनकी पूजा करने से बहुत फल मिलता है…Next
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