Menu
blogid : 19157 postid : 1310699

श्रीकृष्ण को इस श्राप से बचाने के कारण गरीब हो गए थे सुदामा, स्त्री ने दिया था श्राप

आप किसी को बड़ा आदमी क्यों कहते हैं? जाहिर-सी बात है लोगों ने बड़े होने की परिभाषा को दौलत और समृद्धि से जोड़ लिया है. जिसके पास जितनी दौलत वो उतना बड़ा आदमी. भौतिक दुनिया का यही सत्य है, लेकिन आध्यात्मिक दुनिया की बात करें तो प्रेम, करूणा, दया कमाने वाला व्यक्ति संसार का सबसे अधिक धनी मनुष्य है. पौराणिक कथाओं में ऐसा ही एक प्रसंग है श्रीकृष्ण और सुदामा की मित्रता था. जिनकी धनिष्ठ मित्रता ने संसार को एक नई परिभाषा दी. मित्रता में कोई अमीर-गरीब, जाति या वर्ग मायने नहीं रखता.

लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि श्रीकृष्ण के मित्र होने के बाद भी सुदामा इतने गरीब क्यों थे. पौराणिक कथा के अनुसार सुदामा ने स्वयंं एक श्राप ग्रहण किया था.


sudama 1


एक गरीब ब्राह्मण स्त्री की कथा

एक ब्राह्मण स्त्री भगवान वासुदेव की भक्त थी. वो अपनी कुटिया में अकेली रहती थी. वो इतनी गरीब थी कि भिक्षा मांगकर जीवन यापन करती थी. एक दिन उसे 5 दिन तक खाने को कुछ नहीं मिला. उसने पानी पीकर और भजन गाकर अपनी भूख शांत की. छठवें दिन उसे दो मुट्ठी चने मिले. उसने सोचा कि प्रातकाल: प्रभु वासुदेव को भोग लगाकर उन चनों को ग्रहण करूंगी. ये सोचकर वो चनों को एक पोटली में बांधकर सो गई. रात में चोर उस कुटिया में घुस आए. चोरों की नजर पोटली पर पड़ी. पोटली को देखकर उन्हें लगा कि इस में चांदी के सिक्के अथवा कोई मूल्यवान धातु है. ये सोचकर वो वहां से पोटली सहित भाग गए.


krishna 2


चोर पहुंचे संदीपन ऋषि के आश्रम

घबराए हुए चोर भागते-भागते संदीपन ऋषि के आश्रम में पहुंच गए. उनकी आहत सुनकर ऋषि की पत्नी जाग गई. उनकी पत्नी की आवाज सुनकर चोर घबराकर पोटली छोड़ भाग गए. सुबह उठकर जब संदीपन ऋषि की पत्नी ने पोटली को खोलकर देखा तो उसमें चने थे. गुरूमाता ने वो पोटली, जंगल में लकड़ी काटने जा रहे कृष्ण और सुदामा को दे दी.


krishan sudama

ब्राह्मणी स्त्री ने दिया श्राप


krishna 3


सुदामा को ज्ञात हो गया था ब्राह्मण स्त्री का श्राप

सुदामा की अनुभूति शक्ति बड़ी तीव्र थी. उन्हें पोटली को पकड़ते ही ब्राह्मणी का श्राप ज्ञात हो गया था, इसलिए जंगल में जब भयानक तूफान आया और श्रीकृष्ण को भूख लगी तो सुदामा ने उनका हिस्सा भी खा लिया, क्योंकि वो जानते थे कि अगर उन्होंने वो चने खा लिए तो उनके परम मित्र कृष्ण को भी ब्राह्मणी का श्राप लग जाएगा. इस तरह सच्ची मित्रता निभाते हुए सुदामा ने ब्राह्मणी का श्राप स्वयंं ग्रहण कर लिया…Next


Read More :

केवल इस योद्धा के विनाश के लिए महाभारत युद्ध में श्री कृष्ण ने उठाया सुदर्शन चक्र

श्री कृष्ण के संग नहीं देखी होगी रुक्मिणी की मूरत, पर यहाँ विराजमान है उनके इस अवतार के साथ

मरने से पहले कर्ण ने मांगे थे श्रीकृष्ण से ये तीन वरदान, जिसे सुनकर दुविधा में पड़ गए थे श्रीकृष्ण

Read Comments

    Post a comment

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *

    CAPTCHA
    Refresh