कहा जाता है हर शोर सच नहीं होता. इसी तरह हर मीठा बोलने वाला सच्चा नहीं होता और हर कड़वा बोलने वाला बुरा नहीं होता. लेकिन समुद्रशास्त्र के अनुसार व्यक्ति के बोलने के तरीके के आधार पर उसके स्वभाव को जाना जा सकता है. आइए, जानते है समुद्रशास्त्र की बातें.
1. ऊंचे स्वर में बोलने वाले लोग दूसरे लोगों का ध्यान अपनी ओर आकर्षित करना चाहते हैं या वे हठपूर्वक अपने अधूरे ज्ञान को दूसरों पर थोपना चाहते हैं. ऐसे लोग किसी दूसरे की बात सुनना पसंद नहीं करते.
2. समुद्र शास्त्र के अनुसार कुछ लोग इतनी तेजी से बोलते हैं कि किसी को पता भी नहीं चलता कि वे क्या बोलना चाहते हैं. ऐसे लोगों में न तो किसी बात को छुपा कर रखने की क्षमता होती है और न ही उसमें किसी बात को स्पष्ट कहने का साहस होता है.
3. कुछ लोग जब बोलते हैं, तो उनकी वाणी में कर्कशता एवं टूटापन होता है. ऐसे लोग झगड़ालू, दुखी और लक्ष्यहीन होते हैं.
4. कई लोगों के बोलने का अंदाज शेर की तरह गुर्राने के समान होता है. ऐसे लोग संयम युक्त, विद्वान, ज्ञानी, अध्ययन करने वाले, मनन तथा चिंतन प्रिय, गंभीर, सौम्य एवं धैर्यवान व उदार चरित्र के होते हैं.
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5. गंभीर एवं संतुलित स्वर मानव मस्तिष्क की उच्च प्रवृत्तियों का सूचक होता है. ऐसे लोग अपने परिवार के प्रति जिम्मेदार होते हैं. ये समाजसेवा के कार्यों से जुड़े भी हो सकते हैं. ये हर काम व्यवस्थित तरीके से करना पसंद करते हैं.
6. यदि किसी महिला की आवाज सामान्य से अधिक ऊंची है, तो उसमें अहंकार, अनुशासन, नेतृत्व की क्षमता होती है. ये प्रशासनिक विभाग में किसी ऊंचे पद पर हो सकती हैं. परिवार पर भी इनका पूरा नियंत्रण रहता है.
7. सामान्य से कम स्वर वाली स्त्री में असत्य, निंदा, भ्रम, कलह, आत्मप्रशंसा आदि दुर्गुण होते हैं…Next
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