वेदों और पुराणों में महाभारत युद्ध का जिक्र है जो 18 दिन तक चला था. इस युद्ध में पांडव और कौरवों का आमना सामना हुआ था और इसी युद्ध के बाद कलयुग का आगमन हुआ था. लेकिन युद्ध में एक समय ऐसा भी आया जब भगवान श्री कृष्ण को अपना सुदर्शन चक्र उठाना पड़ा था, आइए जानते हैं युद्ध के दौरान आखिरकार ऐसा क्या हुआ जो कृष्ण को उठाना पड़ा था सुदर्शन चक्र.
क्या है सुदर्शन चक्र
पुराणों के अनुसार विभिन्न देवताओं के पास अपने-अपने चक्र हुआ करते थे. महाभारत युद्ध में भगवान कृष्ण के पास सुदर्शन चक्र था. सुदर्शन चक्र का नाम भगवान कृष्ण के नाम के साथ अभिन्न रूप से जुड़ा हुआ है.
युद्ध में कृष्ण का ज्ञान
युद्ध के तीसरे दिन जब कौरवों ने रणभूमि में अपनी ताकत दिखाई, तो पांडवो की ताकत कमजोर पड़ने लगी. उसी दौरान कृष्ण ने अर्जुन से कहा कि ‘तुम अगर इस तरह मोह वश में धीरे-धीरे युद्ध करोगे तो अपने प्राणों से हाथ धो बैठोगे.’
क्यों उठाया सुदर्शन चक्र
कौरव युद्ध में सबको घायल कर चुके थे और भगवान श्रीकृष्ण ने जब देखा कि पाण्डव सेना के सब प्रधान राजा भाग खड़े हुए हैं और अर्जुन भी युद्ध में कुछ नहीं कर पा रहे तो श्रीकृष्ण ने कहा ‘अब मैं स्वयं अपना चक्र उठाकर भीष्म और द्रोण के प्राण लूंगा और धृतराष्ट्र के सभी पुत्रों को मारकर पाण्डवों की जीत सुनिश्चित करूंगा.’
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चक्र उठने पर कांपी धरती
कृष्ण ने जब अपना चक्र उठाया उस दौरान उनके पैर जैसे ही पृथ्वी पर पड़ मानो पृथ्वी कांपने लगी. कृष्ण की गरजना से पूरी युद्ध भूमि सिहर उठी. कृष्ण ने चक्र को उठाया और कौरवों का नाश करने चल पड़े. उन्हें चक्र लिए अपनी ओर आते देख भीष्म बिल्कुल नहीं घबराए. उन्होंने कृष्ण से कहा ‘आइए मैं आपको नमस्कार करता हूं.’
अर्जुन ने रोका था कृष्ण को
जब कृष्ण अपना चक्र लेकर कौरवों की तरफ बढ़ रहे थे, अर्जुन भी रथ से उतरकर उनके पीछे दौड़े और पास जाकर कृष्ण के गुस्से को शांत किया और साथ ही ये वचन दिया कि वो युद्ध में कौरवों का विनाश करेंगे और पांडवो की जीत सुनिश्चित करेंगे. अर्जुन की यह प्रतिज्ञा सुनकर श्रीकृष्ण प्रसन्न हो गए और वापस रथ पर लौट गए…Next
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