कृष्ण और राधा की प्रेम कहानी तो सदियों से अधिकतर लोगों की प्रिय रही है, लेकिन क्या आपने कभी राधा रानी के जन्म की कहानी सुनी है. धर्म ग्रंथों के अनुसार राधा रानी का भी जन्म अपनी मां की कोख से नहीं हुआ था. ब्रह्मवैवर्त पुराण के अनुसार, राधा भी श्रीकृष्ण की तरह ही अनादि और अजन्मी हैं. इस पुराण में राधा के संबंध में बहुत ही ऐसी बातें बताई गई हैं जो बहुत कम लोग जानते हैं. आइए जानते हैं राधा के जन्म की कहानी.
श्रीकृष्ण के शरीर से ही प्रकट हुई थीं राधा
ब्रह्मवैवर्त पुराण के अनुसार, श्रीकृष्ण के बाएं अंग से एक सुंदर कन्या प्रकट हुई, प्रकट होते ही उसने भगवान श्रीकृष्ण के चरणों में फूल अर्पित किए. श्रीकृष्ण से बात करते-करते वह उनके साथ सिंहासन पर बैठ गई. यह सुंदर कन्या ही राधा हैं.
राधा को मिला था शाप
राधा ने श्रीकृष्ण को अपनी एक अन्य पत्नी विराजा के साथ देखा जिससे वो दुखी हो गई और कृष्ण संग देख उन्हे भला बुरा कहने लगी. कृष्ण को भला-बुरा सुनाने पर श्री कृष्ण के सेवक और मित्र श्रीदामा को गुस्सा आ गया और उन्होंने राधा को गुस्से में आकर शाप दे दिया.
क्या मिला था राधा को शाप
श्रीदामा ने राधा को शाप दिया था कि पृथ्वी पर मनुष्य रूप में जन्म लेंगी. ब्रह्मपुराण के अनुसार जब देवी राधा और श्रीदामा ने जब एक दूसरे को शाप दे दिया तब ही भगवान श्री कृष्ण ने राधा जी से कहा कि पृथ्वी पर तुम्हें गोकुल में देवी कीर्ति और वृषभानु की पुत्री के रूप में जन्म लेना होगा.
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कृष्ण के अंश से हुआ था विवाह
ब्रह्मपुराण के अनुसार कृष्ण के कहे अनुसार राधा का जन्म गोकुल में देवी कीर्ति और वृषभानु के घर हुआ और उनका विवाह ‘रायाण’ नामक एक वैश्य से हुआ जो भगवान कृष्ण का ही अंश माना जाता है.
कैसे हुआ जन्म
ब्रह्मवैवर्त पुराण के अनुसार, राधा की मां कीर्ति ने अपने गर्भ में वायु को धारण कर रखा था. कीर्ति ने वायु को जन्म दिया लेकिन वायु के बाहर आने के साथ ही राधा जी कन्या रूप में प्रकट हो गई…Next
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