नवरात्र में आप मां वैष्णों को खुश करने के लिए क्या कुछ नहीं करते. उनकी पूजा-अर्चना और उन्हें प्रसाद के रूप में कई तरह की चीजें चढ़ाते हैं. लाल चूड़ियां, बिंदी, फल, पायल, चुन्नी आदि, लेकिन अगर कोई आपसे कहे कि भारत में एक ऐसी जगह भी है जहां पर माता वैष्णों को हथकड़ी और बेड़ियां चढ़ाई जाती है तो आपको यकीन नहीं होगा, लेकिन ये बात बिल्कुल सच है.
दरअसल, राजस्थान में एक मंदिर ऐसा भी है, जहां देवी मां को हलवा-पूरी नहीं, बल्कि सिर्फ हथकड़ी और बेड़ियां चढ़ाई जाती हैं. राजस्थान के प्रतापगढ़ जिले के जोलर ग्राम पंचायत में ‘दिवाक माता’ का प्राचीन मंदिर है, जहां हथकड़ी और बेड़ियां चढ़ाने की एक खास मान्यता है. यहां पर लोग दूर-दूर से माता को तरह-तरह की हथकड़ी और बेड़ियां चढ़ाते हैं. इसके पीछे ये मान्यता है.
200 साल से जारी है प्रथा
सबसे खास बात ये है कि यह मंदिर इतना अधिक प्रचलित है कि दिवाक देवी को प्रसन्न करने के लिए हथकड़ी और बेड़ियां चढ़ाते हैं. यहां मंदिर परिसर में गड़े 200 साल पुराने त्रिशूल में कई हथकड़ियां चढ़ाई गई हैं. हथकड़ी और बेड़ियों के चढ़ावे के पीछे दिलचस्प मान्यता यह है कि एक समय मालवा के इस जंगल में डाकुओं का राज था.
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लोग ऐसा मानते हैं कि डाकुओं के द्वारा ही यह प्रथा शुरू की गई है. माना जाता है कि डाकू यहां मन्नत मांगा करते थे कि अगर वे डाका डालने में सफल रहे और पुलिस के चंगुल से बच गए, तो वे यहां आकर हथकड़ी और बेड़ियां चढ़ाएंगे.
तब से कायम है मान्यता
ऐसा माना जाता है कि तब से ये मान्यता यहां कायम है जिसे कोई तोड़ता नहीं है और सभी लोग अपनी मान्यता को पूरी करने के लिए हथकड़ी और बेड़ियां चढ़ाते हैं…Next
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