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महाभारत युद्ध का यहां है सबसे बड़ा सबूत, दिया गया है ये नाम

पौराणिक मान्यताओं की महाभारत की घटनाएं हमेशा से लोगों का ध्यान अपनी तरफ खिंचती रही है. इसकी कहानियों में कई सारे पात्र हैंं, जो अपने आप में एक संदेश देते हैं. ऐसे में लोगों के मन में एक ये सवाल आता है कि आखिर किसने महाभारत को लिखा और आखिर कहां लिखी गई ये महाभारत. आइए जानते हैं कहां मौजूद है वो स्थान जहां लिखी गई महाभारत.



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महाभारत ग्रंथ के रचयिता हैं मुनि व्यास

महर्षि वेदव्यास ने समस्त विवरणों के साथ महाभारत ग्रन्थ की रचना की थी. हिन्दू धर्म में मान्यता है कि महाभारत में उल्लेखित घटनाएं सत्य और प्रमाणिक वृत्तांत है. महर्षि वेदव्यास न केवल महाभारत के रचयिता हैं, बल्कि वह उन घटनाओंं के भी साक्षी रहे हैं जो क्रमानुसार घटित हुई हैं.






भगवान गणेश ने वेदव्यास के महाभारत को लिखा

भगवान शिव और देवी पार्वती के पुत्र भगवान गणेश ने वेदव्यास के मुख से निकली वाणी और वैदिक ज्ञान को लिखा था. ऐसा इसलिए किया ताकि आम लोग इस कहानी को पढ़ सकें और समझ सकें.





कहां लिखी थी कथा

पौराणिक मान्यताओं के अनुसार व्यास जी ने गणेश जी को अपनी बातों में उलझा दिया और गणेश से अपनी पूरी महाभारत कथा उत्तराखंड में स्थित मांणा गांव की एक गुफा में लिखवाई थी. जिसके तथ्य आज भी मौजूद हैं.


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कहां मौजूद है ये गुफा

महाभारत को जहां भगवान गणेश और व्यास ने मिलकर बनाया था वह गुफा अलकनंदा और सरस्वती नदी के संगम तट पर मौजूद है. यह पवित्र स्थान देवभूमि उत्तराखंड में बद्रीनाथ धाम से करीब तीन किलोमीटर की दूरी पर है.


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क्यों नाम पड़ा व्यास पोथी

इस गुफा में व्यास ने अपना अधिक समय गुजारा था. महाभारत समेत कई पुराणों की रचना की थी. व्यास गुफा को बाहर से देखकर ऐसा लगता है मानो कई ग्रंथ एक दूसरे के ऊपर रखे हुए हैं. इसलिए इसे व्यास पोथी भी कहते हैं…Next


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