हममें से अधिकतर लोगों का ये प्रयास रहता है कि सभी मनुष्यों के साथ अच्छा व्यवहार करें जिससे कि जीवन में सकारात्मकता का संचार हो सके. लेकिन कभी-कभी ऐसा भी होता है कि अच्छा व्यवहार करने के बाद भी हमारे हाथ निराशा ही लगती है क्योंकि इस दुनिया में कुछ लोग ऐसे भी होते हैं जिनके साथ आप कितनी भी अच्छाई कर लें लेकिन अपने स्वभाव के कारण वो आपको समस्याओं में डाल देंगे. आचार्य चाणक्य ने अपने अनुभव के आधार पर ऐसे 3 लोगों के बारे में बताया है जिनसे आप कितना भी अच्छा व्यवहार कर लीजिए लेकिन आपको परिणाम हमेशा नकारात्मक ही मिलेंंगे. आइए, जानते हैं आचार्य चाणक्य की नीति से जुड़ी ये प्रमुख बातें.
मूर्ख शिष्य
निसंदेह हर व्यक्ति का दिमाग एक जैसा नहीं होता. कुछ लोगों को कोई बात जल्दी समझ में आ जाती है जबकि कुछ लोगों को बातें समझने में काफी देर लगती है. लेकिन चाणक्य कहते हैं कि इस व्यक्ति की इस प्रवृत्ति से परे कुछ लोग ऐसे भी होते हैं जो मूर्ख होते हैं. वो किसी भी बात को समझना ही नहीं चाहते. इसी तरह मूर्ख शिष्य को आप कितना भी ज्ञान बांटेंंगे वो कभी भी आपकी बातों को गंंभीरता से नहीं लेगा.
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दुष्ट स्त्री
कुछ व्यक्ति स्त्रियों का सौदंर्य देखकर मंत्रमुग्ध हो जाते हैं लेकिन ऐसे व्यक्तियों को एक बात स्मरण रखनी चाहिए कि यदि कोई स्त्री दिखने में सुंदर या कितनी भी रूपवती है लेकिन स्वभाव से कठोर और नकारात्मक विचारों वाली है, तो आप उस स्त्री को चाहे कितना भी प्यार कर लें आपको एक न एक दिन विश्वासघात ही मिलेगा इसलिए ऐसी स्त्रियों से दूर ही रहना चाहिए.
रोगी व्यक्ति
वैसे तो रोगी मनुष्य की सेवा से बड़ा कोई धर्म नहीं माना गया है लेकिन आचार्य चाणक्य कहते हैं कि रोगी मनुष्य से दूर रहने में ही भलाई है क्योंकि इससे बहुत से रोग लग सकते है. चाणक्यनुसार इनसे व्यवहार बनाने से आपको केवल हानि ही उठानी पड़ेगी…Next
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चाणक्य नीति के अनुसार ऐसे मनुष्यों के लिए अभिशाप है युवती का साथ
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