आप दिन में न जाने कितनी बार अपने हाथों को देखते होंगे. इस दौरान आपने अपने हाथों की लकीरों को भी न जाने कितनी बार देखा होगा. लेकिन क्या आप अपने हाथों में मौजूद भाग्य रेखा के बारे में जानते हैं. आइए हम आपको बताते हैं भाग्य रेखा से जुड़े हुए कुछ दिलचस्प पहलू.
आप भाग्यशाली हैं या नहीं, हथेली की इस रेखा को देखते ही चल जाएगा पता
क्या है भाग्य रेखा
शास्त्रों के अनुसार संसार में जो भी आया है उसका भाग्य जरूर होता है. भाग्य रेखा की बनावट पर निर्भर करता है कि व्यक्ति भाग्यशाली है या दुर्भाग्यशाली. हथेली में मध्यमा उंगली के नीचे शनि पर्वत होता है. इसे ही भाग्यस्थान माना जाता है. हथेली में कहीं से भी चलकर जो रेखा इस स्थान तक पहुंचती है उसे भाग्य रेखा कहते हैं.
खुद की हथेली देखकर जानें कैसा होगा आपका जीवनसाथी?
विभिन्न प्रकार की भाग्य रेखा
1. भाग्यरेखा का अधिक गहरा और लंबा होना ये दर्शाता है कि आपका भाग्य अच्छा होगा. लेकिन इस रेखा का कटा-फटा होना अच्छा नहीं माना जाता.
2. गहरी भाग्य रेखा एक अच्छा संकेत है कि आपको धन, सहयोग और प्यार मिलेगा.
3. भाग्य रेखा का दो हिस्सों में होना बताता है कि आप अपना लक्ष्य तय नहीं कर पा रहे हैं.
4. इस रेखा में अगर लहरों की तरह बनावट हो तो उतार-चढ़ाव देखने को मिलते हैं.
5. अगर आपके हाथ में दो भाग्य रेखा दिखे तो आपकी तरक्की कोई नहीं रोक सकता.
भाग्य रेखा के फल
1. यदि किसी व्यक्ति की हथेली में भाग्य रेखा मणिबंध से प्रारंभ होकर शनि पर्वत तक गई हो, और दोष रहित है तो व्यक्ति भाग्यशाली होता है. ऐसे लोग जीवन में सफलताएं प्राप्त करते हैं.
2. यदि हथेली में भाग्य रेखा जीवन रेखा से प्रारंभ हो तो व्यक्ति खुद की मेहनत से काफी अधिक धन प्राप्त करता है.
3. जिन लोगों की हथेली में भाग्य रेखा चंद्र क्षेत्र से प्रारंभ हुई है वे दूसरों की मदद या प्रोत्साहन से सफलता प्राप्त करने वाले हो सकते हैं.
4. यदि भाग्य रेखा हथेली को पार करते हुए मध्यमा उंगली (मिडिल फिंगर) तक जा पहुंचे, तो यह अशुभ योग दर्शाती है. ऐसा व्यक्ति खुद की गलतियों से हानि उठाता है.
5. यदि भाग्य रेखा किसी स्थान पर जीवन रेखा को काट दे ,तो उस आयु में व्यक्ति को कोई अपमान या कलंक झेलना पड़ सकता है.
6. भाग्य रेखा हथेली के प्रारंभ से जितनी अधिक दूरी से शुरू होती है, व्यक्ति का भाग्योदय उतने ही विलंब से होता है.
7. भाग्य रेखा टूटी हुई या अन्य रेखाओं से कटी हुई हो तो यह भाग्यहीनता का संकेत है.
8. भाग्य रेखा हृदय रेखा पर रुक जाए तो व्यक्ति प्रेम संबंध के कारण असफलताएं प्राप्त करता है, लेकिन यह रेखा हृदय रेखा के साथ गुरु पर्वत तक जा पहुंचे तो वह व्यक्ति प्रेम संबंध से सफलताएं प्राप्त करता है…Next
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