‘मुझे क्या करना अमीर बनके, मेरे साई यार गरीबा दे.’ आपने भी ये कहावत जरूर सुनी होगी. इस छोटी-सी बात में भक्त और भगवान के बीच एक खास रिश्ते की सच्चाई छुपी हुई है. लेकिन फिर भी हमारे देश में ऐसे मंदिरोंं और धार्मिक स्थलों की कमी नहीं है जहां पर भगवान को पैसों में तोला जाता है अर्थात करोड़ों रुपए के चढ़ावे से भगवान का आभार व्यक्त किया जाता है. लेकिन आप ही बताइए अगर भगवान को सिर्फ पैसे, धन आदि से ही प्रेम होता तो सुदामा श्रीकृष्ण के परम मित्र नहीं होते. बहरहाल, आइए हम आपको बताते हैं देश के ऐसे बड़े मंदिरों के बारे में, जहां सबसे अधिक दान किया जाता है.
सिद्धिविनायक मंदिर, मुंबई
आपको जानकर हैरानी होगी कि यहां रोजाना करीब 25 हजार रुपए से लेकर 2 लाख रुपए तक का चढ़ावा चढ़ता है. यहां पर काले पत्थर के बने हुए गणेश भगवान की मूर्ति पर सबसे ज्यादा दान चढ़ाया जाता है. ये मूर्ति करीब 200 साल पुरानी है. मंदिर की वार्षिक आमदनी 48 करोड़ रुपए से 125 करोड़ रुपए के बीच है.
पद्मनाभस्वामी मंदिर, केरल
इस मंदिर के बारे में कहा जाता है कि त्रावणकोर राजघराने ने इस मंदिर पर सोने और कई कीमती जेवरों को चढ़ाया था. जिसके बाद यहां जेवर दान करने की मान्यता ने जन्म लिया. यहां ज्यादातर मूर्तियां सोने की बनी हुई है. कहते हैं यहां विष्णु भगवान की मूर्ति की कीमत 500 करोड़ रुपए है. यहां भी रोजाना लाखों का चढ़ावा आता है.
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त्रिरुमाला तिरुपति वेंकटेश्वर मंदिर, आंध्र प्रदेश
इस मंदिर में रोजाना 60,000 भक्त आते हैं. आपको जानकर हैरानी होगी कि लाखों के चढ़ावे के साथ यहां प्रसाद के लड्डू बेचकर सालाना करीब 75 करोड़ रुपए की आमदनी होती है. जबकि मंदिर को दान से साल भर में 650 करोड़ रुपए प्राप्त होते हैं.
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साईबाबा धाम, शिरडी
यहां पर दुनिया भर से भक्तजन बाबा के दर्शन करने आते हैं. साल भर के चढ़ावे से 360 करोड़ रुपए की आमदनी होती है. यहां पर कुछ सालों पहले हीरे के दो नेकलेस भी दान पेटी से मिले थे. जिनकी कीमत 92 लाख रुपए थी.
वैष्णो देवी मंदिर, जम्मू
लाखों श्रद्धालुगण यहां माता के दर्शन करने आते हैं. सालाना दान से कुल 500 करोड़ रुपए प्राप्त होते हैं…Next
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