कहते हैं ‘अपना काम आप ही को साजे’. यानि कोई मनुष्य यदि अपना काम स्वयं करें तो ही बेहतर होता है. लेकिन कुछ काम ऐसे भी होते हैं जो कोई विशेष व्यक्ति ही कर सकता है. आचार्य चाणक्य ने भी ऐसे कई कार्यों का उल्लेख किया है जो विशेष व्यक्ति द्वारा ही संपन्न किए जा सकते हैं. अर्थात उनके अलावा इन कार्यों को कोई अन्य बेहतर रूप से नहीं कर सकता. आइए, जानते हैं. आचार्य चाणक्य किन व्यक्तियों को किन विशेष कार्यों के लिए उपयुक्त माना है.
क्यों महिलाओं के बारे में ऐसा सोचते थे आचार्य चाणक्य
कवि कुछ भी सोच सकते है
चाणक्य कहते हैं कि कवि की सोच कहीं भी पहुंच सकती है. कवि सब कुछ देख सकता है. एक कहावत भी है जहां न पहुंचे रवि, वहां पहुंचे कवि. यानी जहां सूर्य की रोशनी भी नहीं पहुंच सकती है, वहां कवि की सोच पहुंच जाती है. कवि हमारी सोच से भी काफी आगे की बात अपनी कविताओं में लिख सकते हैं.
स्त्रियां बिना सोचे कर सकती हैं कोई भी काम
चाणक्य कहते हैं कि पुरुषों की तुलना में अधिकतर स्त्रियां अधिक दुस्साहसी होती हैं. पुरुष कोई भी जोखिम भरा काम करने से पहले कई बार सोचते हैं, जबकि अधिकांश स्त्रियां दुस्साहस के कारण कुछ भी काम बिना सोचे-समझे ही कर बैठती हैं. इस दुस्साहस के कारण स्त्रियों को कई बार परेशानियों का सामना भी करना पड़ता है. दुस्साहस भी एक बुराई है और इससे बचने का प्रयास करना चाहिए.
चाणक्य नीति के अनुसार ऐसे मनुष्यों के लिए अभिशाप है युवती का साथ
शराबी कुछ भी बोल सकते हैं
नशा, किसी भी इंसान की सोचने-समझने की शक्ति को खत्म कर देता है. जब तक व्यक्ति नशे की हालत में होता है, वह कुछ भी सोच नहीं पाता है. सही-गलत पहचान नहीं पाता है. आमतौर पर जब शराब का नशा हद से अधिक हो जाता है तो नशा करने वाला व्यक्ति सारी मर्यादाएं भूल जाता है और उसके मन में जो आता है, वह बक देता है, बोल देता है. नशे की हालत में व्यक्ति को मारने पर भी उसकी बोली बंद नहीं होती है. हम सोच भी नहीं सकते, ऐसे काम नशे की हालत मे व्यक्ति कर सकता है.
कौआ खा सकता है कुछ भी
इस नीति के अंत में चाणक्य ने बताया है कि कौए में सोचने-समझने की प्रवृत्ति नहीं होती है. कौआ यह समझ नहीं पाता है कि उसे क्या खाना है और क्या नहीं. यह पक्षी कुछ भी चीज खा लेता है. इस पक्षी में समझ की भी कमी होती है. कौए के स्वभाव से यह सीख सकते हैं कि खान-पान के संबंध में विशेष ध्यान रखना चाहिए. जो चीजें नुकसानदायक है, अशुद्ध है, उन्हें खाने से बचना चाहिए…Next
Read more
चाणक्य के अनुसार इन चार चीजों से हर मनुष्य को मिलता है केवल क्षणभर का आनंद
आचार्य चाणक्य के इस भयंकर अपराध में छुपा है उनकी मृत्यु का रहस्य
चाणक्य नीति अनुसार इन चार सटीक तरीकों से परखा जा सकता है किसी भी मनुष्य को
Read Comments