अष्टसिद्धि नव निधि के दाता।
अस बर दीन जानकी माता।।
गोस्वामी तुलसीदास द्वारा लिखी गई श्री हनुमान चालीसा की यह चौपाई हनुमान के हर भक्त ने पढ़ी होगी. इस चौपाई में तुलसीदास बताते हैं कि हनुमान आठ सिद्धियों से संपन्न हैं. पर क्या आपको पता है कि हनुमान की वे कौन-कौन सी आठ सिद्धियां जिनका जिक्र तुलसीदास ने किया है. आइए जानते हैं.
हिंदु धर्म ग्रंथों के मुताबिक श्रीहनुमान रुद्र के ग्यारहवें अवतार हैं. वे कई गुणों, सिद्धियों और अपार बल के स्वामी हैं. माना जाता है कि अगर भक्त हनुमान जी की पवित्रता के साथ भक्ति करे तो हनुमानजी की सिद्धियां भक्त को भी मिल सकती हैं. इस चौपाई के मुताबिक यह अष्टसिद्धि माता सीता के आशीर्वाद से श्रीहनुमान को अपने भक्तों तक पहुंचाने की भी शक्ति मिली. इन शक्तियों के प्रभाव से ही हनुमानजी ने लंका को ऐसा उजाड़ा कि महाबली रावण न केवल दंग रह गया बल्कि उसका घमंड भी चूर हो गया.
ये हैं वे आठ सिद्धियां और उनसे होने वाले चमत्कारों का वर्णन
1) अणिमा – इससे शरीर को बहुत ही छोटा बनाया जा सकता है।
2) महिमा – शरीर को बड़ा कर कठिन और दुष्कर कामों को आसानी से पूरा करने की सिद्धि।
3) लघिमा – इस सिद्धि से शरीर छोटा होने के साथ हल्का भी बनाया जा सकता है।
4) गरिमा – शरीर का वजन बढ़ा लेने की सिद्धि। अध्यात्म के नजरिए से यह अहंकार से दूर रहने की शक्ति भी मानी जाती है।
5) प्राप्ति– मनोबल और इच्छाशक्ति से मनचाही चीज पाने की सिद्धि.
6) प्राकाम्य- कामनाओं को पूरा करने और लक्ष्य पाने की सिद्धि.
7) वशित्व- वश में करने की सिद्धि.
ईशित्व- इष्ट सिद्धि और एशवर्य सिद्धि.
इन आठ सिद्धियों के कारण हनुमानजी को संकटमोचक कहा जाता है. यही वजह है कि विपत्तियों के समय भक्त द्वारा हनुमान का स्मरण किया जाता है. Next…
Read more:
Read Comments