नारियल को संस्कृत में श्रीफल कहते हैं. श्री का अर्थ होता है लक्ष्मी. किसी भी धार्मिक एवं शुभ कार्यों में नारियल का होना आवश्यक माना जाता है. हिन्दू मान्यताओं के अनुसार पूजा-पाठ में नारियल रखने से सभी कार्य सिद्ध होते हैं और माता लक्ष्मी की विशेष कृपा बनी रहती है. साथ ही घर में सदैव जल युक्त नारियल रखने से घर के वास्तु दोष दूर होते हैं.
नारियल पवित्र क्यों- नारियल सख्त आवरण से ढका होता है जिससे यह अन्दर से निर्मल और पवित्र होता है. माना जाता है कि नारियल के सफेद और जल वाले स्थान पर चन्द्र का वास होता है. चन्द्रमा को मन का ग्रह कहा जाता है और किसी भी कार्य में सफलता के लिए मन का शांत होना बहुत जरूरी है.
नारियल – वास्तुशास्त्र के अनुसार घर में किसी जलीय जीव या जल युक्त वस्तु को रखने से वास्तु दोष दूर होते हैं. नारियल के शिखा में सकारात्मक ऊर्जा का भंडार होता है. इस कारण किसी भी शुभ कार्य मेंं कलश के ऊपर नारियल रखना आवश्यक माना गया है. नारियल के ऊपर चन्दन, केशर, रोली को मिलाकर तिलक लगाने से मन शांत रहता है और सभी कार्य सफल होते हैं.
लक्ष्मी की प्राप्ति- धन की प्राप्ति के लिए एकाक्षी नारियल की पूजा का विशेष महत्व है. मान्यता है कि एकाक्षी नारियल में माता लक्ष्मी का वास रहता है. आमतौर पर नारियल में दो आँख नुमा काले बिंदु होते हैं लेकिन एकाक्षी नारियल में एक ही बिंदु होता है. ऐसे नारियल बहुत कम मिलते हैं. एकाक्षी नारियल को स्थायी रूप से अपने घर में रखना चाहिए. इससे धन और ऐश्वर्य का आनंंद प्राप्त होता है.
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नारियल का औषधीय महत्व- पूजन कार्य के अलावा नारियल का औषधीय महत्व भी है. नारियल का निरंतर सेवन करते रहना चाहिए. इससे शरीर को कैल्शियम, लोहा, फास्फोरस और अन्य खनिज तत्व मिलते हैं. प्रतिदिन नारियल के सेवन से मुंह का कैंसर नहीं होता है. साथ ही गर्भवती महिला को नारियल के बीज खिलाने से नवजात शिशु स्वस्थ जन्म लेता है. Next…
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