दक्षिण भारत की सेशाचालम पहाड़ियाँ तिरूमाला तीर्थस्थान के लिये प्रसिद्ध है. हर वर्ष यहाँ लाखों की संख्या में तीर्थयात्री आते हैं. यहाँ वे अपने श्री वेंकटेश्वर के दर्शनों के लिये आते हैं. अपने पूज्य श्री वेंकटेश्वर को श्रद्धा स्वरूप वो अपना बाल भेंट करते हैं.
सिर मुंडन वहाँ वृहद पैमाने पर किया जाता है. इस श्रद्धा के पीछे का कारण अतार्किक होते हुए भी रोचक है. कहा जाता है कि श्री वेंकटेश्वर ने अपनी शादी सम्पन्न कराने के लिये ऋण लिया. लेकिन ऋण ज्यादा होने के कारण वो इसे चुका नहीं पाये. बकाये कर्ज़ के भुगतान के लिये उन्हें लोगों की सहायता की जरूरत थी. इसलिये लोग उनकी मदद के लिये आगे आते गये. लोगों को लगता है कि अपने बालों के समर्पण से श्री वेंकटेश्वर उनसे प्रसन्न होंगे.
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वहाँ का स्थानीय मंदिर प्रतिदिन करीब 20,000 लोगों से कटे हुए बाल स्वीकार करता है. इतनी भारी संख्या में बाल कटवाने के लिये जमा लोगों के सिरों से बाल काटने के लिये वहाँ 600 हज़ामों की नियुक्ति की गयी है.
जिस स्थान पर लोगों के बाल काटे जाते हैं वह मुख्य मंदिर से थोड़ी दूरी पर है. इसके अलावा तिरूमाला शहर में 16 छोटे स्थान इस काम के लिये चिन्हित किये गये हैं.
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यह अविश्वसनीय हो सकता है कि प्रतिवर्ष इस मंदिर में करीब 500 टन मानवों के बाल चढ़ाये जाते हैं जिसका दूसरे देशों में नीलाम किया जाता है. माना जाता है कि नीलामी से प्राप्त आय से गरीबों को भोजन कराया जाता है. उनके बच्चों के लिये शिक्षा की व्यवस्था की जाती है और जरूरतमंदों की शादियाँ करवायी जाती है. विदेशों में भारतीय बालों की माँग अत्यधिक है. भारतीयों के बालों को अत्यधिक प्राकृतिक, रेशमी माना जाता है जिसका कारण यह है कि भारतीय अपने बालों में रसायनिक चीजों का इस्तेमाल न के बराबर करते हैं.Next….
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