गर्मियों में ज्येष्ठ का महिना झुलसा देने वाला होता है. तपती धरा अपनी तपिश और लू से सभी जिव-जंतु को बैचेन कर देती है. ऐसे में जो भक्त अपने भगवान में अटूट श्रद्धा रखते हैं उन्हें अपने भगवान की भी चिंता होती है. यही कारण यह कि वृंदावन में भक्तों ने अपने भगवान को ऐसी गर्मी से राहत के लिए स्नान कराया. वृंदावन में भक्तों के लिए यह कोई नई बात नहीं है. यहाँ हर साल भगवान को ज्येष्ठ की गर्मी से राहत के लिए स्नान कराया जाता है. संभव है कई लोग इस तरह के आस्था को अंधविश्वास समझे.
भगवान को स्नान कराने की यह रस्म वृंदावन के परिक्रमा मार्ग स्थित भगवान जगन्नाथ मंदिर में होता है. भगवान को ज्येष्ठ महीना की भीषण गर्मी से राहत दिलाने के लिए ऐसा किया जाता है. यहाँ भगवान को ज्येष्ठ मास में पूर्णिमा के दिन एकादश फल के साथ 108 घड़ों के जल से स्नान कराया गया.
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भगवान जगन्नाथ मंदिर के पुजारी ज्ञानप्रकाश महाराज ने बताया कि ज्येष्ठ की भीषण गर्मी के कारण भगवान को ठंडक प्रदान करने के लिए ज्येष्ठ पूर्णिमा को हर साल यह आयोजन किया जाता है. इस आयोजन में भगवान जगन्नाथ को 108 घड़ों के जल से स्नान कराया जाता है. इस रीतिरिवाज से प्रभु को गर्मी से राहत मिलती है. इस अवसर पर मंदिर के आस-पास उत्सव का माहौल होता है.
इस आस्था के पीछे लोगों की ऐसी मान्यता है कि स्नान के बाद भगवान जगन्नाथ को बुखार चढ़ जाता है. भगवान को स्वस्थ करने के लिए उनका जड़ी-बूटी, औषधि और गर्म पदार्थों से इलाज किया जाता है. इलाज के 15 दिन पश्चात भक्तों को भगवान दर्शन देते हैं परन्तु इस साल पुरुषोत्तम मास होने के कारण भगवान जगन्नाथ 45 दिन बाद, 18 जुलाई को दर्शन देंगें.
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इस परंपरा में मथुरा के श्रीकृष्ण जन्मस्थान पर भगवान जगन्नाथ को स्नान कराया जाता है. इस साल भगवान जगन्नाथजी के मंदिर में पूर्णिमा के दिन स्नान यात्रा का शुभारंभ शाम पांच बजे वैदिक रीति से हुआ. ठाकुरजी को फलों का भोग लगाने के बाद शाम छह बजे विशेष श्रृंगार आरती की गई.Next…
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