Menu
blogid : 19157 postid : 871057

चारधाम तक पहुंचने का मार्ग है यह गुफा

कहते है अगर संसार में रहते हुए मोक्ष पाना है तो चार-धामों की यात्रा कर लो. यूं तो ये चारों धाम अलग-अलग दिशाओं में स्थित है और उन तक पहुंचने का रास्ता भी अलग ही निकलता है लेकिन क्या आप यकीन करोगे कि भारत में एक ऐसी गुफा है जहां से इन चारों धामों तक पहुंचने का रास्ता जाता है.


img 2


प्राचीन उज्जैन को उज्जयिनी के नाम से जाना जाता था. उज्जयिनी के परम प्रतापी राजा हुए थे विक्रमादित्य. विक्रमादित्य के पिता महाराज गंधर्वसेन थे और उनकी दो पत्नियां थीं. एक पत्नी के पुत्र विक्रमादित्य और दूसरी पत्नी के पुत्र थे भर्तृहरि. गंधर्वसेन के बाद उज्जैन का राजपाठ भर्तृहरि को प्राप्त हुआ, क्योंकि भर्तृहरि विक्रमादित्य से बड़े थे. राजा भर्तृहरि धर्म और नीतिशास्त्र के ज्ञाता थे. मध्य प्रदेश का उज्जैन शहर न सिर्फ अपने विश्व प्रसिद्ध मंदिरों के लिए जाना जाता है बल्कि यहां कई ऐसे रहस्यमय स्थान भी है, जो लोगों को बरबस ही अपनी ओर खींचते हैं. उज्जैन में ऐसा ही एक स्थान है राजा भृर्तहरि की गुफा. यह गुफा मुख्य नगर से थोड़ी दूरी पर शिप्रा नदी के तट पर एक सुनसान क्षेत्र में स्थित है. यह गुफा नाथ संप्रदाय के साधुओं का साधना स्थल है. गुफा के अंदर जाने का रास्ता काफी छोटा है.


Read:इस गुफा में छुपा है बेशकीमती खजाना फिर भी अभी तक कोई इसे हासिल नहीं कर पाया…!!


img4



Read:अजर-अमर होने का वरदान लिए मोक्ष के लिए भटक रहे हैं ये कलयुग के देवता


गुफा में प्रवेश करते ही सांस लेने में कठिनाई महसूस होती है. गुफा की ऊंचाई भी काफी कम है, अत: अंदर जाते समय काफी सावधानी रखनी होती है. यहां प्रकाश भी काफी कम है, अंदर रोशनी के लिए बल्ब लगे हुए हैं. इसके बावजूद गुफा में अंधेरा दिखाई देता है. गुफा में भर्तृहरि की प्रतिमा के सामने एक धुनी भी है, जिसकी राख हमेशा गर्म ही रहती है. राजा भृर्तहरि के साधना स्थल के सामने ही एक अन्य गुफा भी है. मान्यता है कि इस गुफा से चारों धामों के लिए रास्ता जाता है. यहां के स्थानीय निवासियों के लिए इसकी बहुत मान्यता है, इतना ही नहीं सम्पूर्ण भारत वर्ष से भी हजारों लोग यहां चारों धामों की यात्रा के लिए आते हैं और इस रहस्यमयी गुफा को मोक्ष स्थल तक पहुंचने की पगडंडी मानते हैं.Next


Read more:

रामायण के जामवंत और महाभारत के कृष्ण के बीच क्यों हुआ युद्ध

क्या आप भी बिना अर्थ जाने पढ़ते हैं हनुमान चालीसा?

वीरान घर में आज भी भटकती है मधुबाला की रूह – Real Horror Story in Hindi

Read Comments

    Post a comment

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *

    CAPTCHA
    Refresh