यह महाभारत के युद्ध में हुए सबसे बड़े षडयंत्रों में से एक है. कौरव जानते थे कि पाण्डवों की सबसे बड़ी ताकत अर्जुन है. इसलिए उन्होंने योजना बनाई कि अर्जुन को किसी तरह युद्ध भूमि से निकालकर दूर ले जाया जाए और इसके बाद युधिष्ठिर को बंदी बना लिया जाए. ऐसा करने पर कौरवों की जीत निश्चित हो जाती.
अपनी योजना के मुताबिक कौरव अर्जुन को युद्ध भूमि से बाहर ले जाने में सफल रहे. दूसरी ओर युधिष्ठिर को बंदी बनाने के लिए चक्रव्यूह की रचना कर दी गई. लेकिन अर्जुन के पुत्र अभिमन्यु ने उनकी सारी योजनाओं की उम्मीदों पर पानी फेर दिया.
अभिमन्यु के लिए चक्रव्यूह की रचना की जिसे तोड़ते हुए अभिमन्यु अंतिम दरवाजे तक पहुंच गए लेकिन वापस कैसे आया जाए इसकी उन्हें जानकारी नहीं थी.
यहां पर कौरवों की सेना ने अकेले अभिमन्यु को एक साथ घेर लिया और दुर्योधन के जीजा और सिंधु प्रदेश के राजा जयद्रथ ने पीछे से अभिमन्यु पर वार कर दिया. इसके बाद सभी योद्धाओं ने मिलकर अभिमन्यु की हत्या कर दी.
जब यह खबर अर्जुन को मिली तो उसने यह प्रतीज्ञा ली कि अगर अगले दिन के युद्ध में सूर्य के ढ़लने तक जयद्रथ का वध नहीं कर पाया तो आत्मदाह कर लूंगा.
अर्जुन की प्रतीज्ञा की खबर पाते ही जयद्रथ डर से कांपने लगा और अगले दिन युद्ध क्षेत्र में आने से भी मना कर दिया. लेकिन दुर्योधन और दूसरे कौरव योद्धाओं के द्वारा यह समझाने पर कि आज पूरी सेना तुम्हारी रक्षा में खड़ी रहेगी और अर्जुन को तुम तक आने नहीं देगी. इस बात को सुनकर जयद्रथ युद्ध क्षेत्र में आया और महाभारत का युद्ध आरंभ हो गया. अर्जुन ने श्रीकृष्ण से कहा कि मेरे रथ को जयद्रथ की ओर ले चलिए. अर्जुन का रथ जयद्रथ की ओर चल पड़ा लेकिन कौरव अर्जुन को आगे बढ़ने नहीं दे रहे थे.
सूर्य अपनी गति से चला जा रहा था और अर्जुन की चिंता बढ़ रही थी. श्रीकृष्ण समझ गए कि इन स्थितियों में जयद्रथ का वध असंभव है. इसके बाद श्रीकृष्ण ने अपनी माया से सूर्य को ढ़क दिया सभी लोग यह समझने लगे कि शाम हो गई है और कौरव सेना झूमने लगी कि अब अर्जुन आत्मदाह कर लेंगे और महाभारत युद्ध में अब जीत निश्चित है.
गांडीव धनुष रखकर आत्मदाह के लिए आगे बढ़े. सामने जयद्रथ भी आत्मदाह के लिए अर्जुन को उनकी प्रतीज्ञा याद दिलाने लगा. तभी अचानक भगवान श्रीकृष्ण ने सूर्य से बादलों को हटा दिया. यह देखकर जयद्रथ और पूरी कौरव सेना घबरा गई. इससे पहले कि जयद्रथ भागता भगवान श्रीकृष्ण ने अर्जुन से कहा कि अपना गांडीव उठाओ और अपनी प्रतिज्ञा पूरी करो. इस तरह सूर्यग्रहण ने अर्जुन की जान बचाईऔर जयद्रथ की हत्या हुई...Next
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