Menu
blogid : 19157 postid : 857569

स्वयं भगवान राम ने बनाई थी पापों से मुक्त कराने वाली इस मूर्ति को

दुर्गादत्त के पास ज्ञान के अलावा कुछ नहीं था पर राजा को यह सूचना मिली थी कि दुर्गादत्त को हीरे-मोतियों से भरा खजाना मिला है. अहंकारी राजा ने सैनिकों को आदेश दिया की दुर्गादत्त को पकड़कर उसके सामने पेश किया जाए और खजाने को राजकोष में जमा कर दिया जाए. पर राजा को यह फैसला काफी भारी पड़ा, उसे एक ऐसा शाप मिला कि उसका जीवन दुष्कर हो गया. वह जब चावल खाता तो उसे कीड़े दिखाई देते और जब पानी पीता तो खून नजर आता. उसको शाप से मुक्त कराया एक मूर्ति ने जिसे प्रभु श्रीराम ने स्वयं अपने हाथों से बनाया था.


raghunath-temple


ये कहानी है 17वीं शताब्दी की जब कुल्लू में राजा जगत सिंह राज करता था. अपने अहंकार में उसने एक बड़ा पाप कर दिया और इसके बदले उसे ऐसा खौफनाक शाप मिला जिससे उसका जीना मुहाल हो गया. एक दिन जगत सिंह को सूचना मिली कि गांव के एक पंडित दुर्गादत्त को घाटी में काम करते वक्त कुछ हीरे-मोती मिले हैं. राजा उसे पाना चाहता था. राजा ने सैनिकों को आदेश दिए कि दुर्गादत्त से सारे हीरे मोती छीनकर खजाने में जमा कर दिए जाए.


Read: लक्ष्मण ने की यह भूल भगवान राम ने दी मृत्युदंड की सजा



सैनिकों ने दुर्गादत्त को खूब मारा-पीटा लेकिन हीरे-मोती नहीं मिले. उसे आए दिन बेइज्जत किया जाने लगा और सबके सामने सजा दी जाने लगी. जब राजा ने जुल्म की हद कर दी तो दुर्गादत्त ने खुद को परिवार सहित अपने घर में ही जला डाला. पर मरने से पहले दुर्गादत्त ने राजा को शाप दिया कि जब भी वह चावल खाएगा तो उसे चावल के दानों की जगह कीड़े दिखाई देंगे. और पीने का पानी खून बन जाएगा. शाप असर करने लगा जिससे राजा का खाना पीना मुश्किल हो गया.


raghunath-temp


राजा का अहंकार टूट चुका था. वह एक संत के पास गया जिसने राजा को बताया की अगर उसे अपने शाप से मुक्ति चाहिए तो अपने राज्य में भगवान रघुनाथ का मंंदिर बनवाना होगा और इसके लिए अयोध्या से मूर्ति लानी होगी. राजा ने ऐसा ही किया और अयोध्या से श्रीराम की बनाई भगवान रघुनाथ की मूर्ति लाकर कुल्‍लू में भव्य मंदिर बनवा दिया. मंदिर बनने के बाद घाटी में समृद्धि लौटने लगी. राजा ने अपना राज्य भगवान रघुनाथ को सौंप दिया. राज्य में ऐतिहासिक दशहरा मनाया जाने लगा. आज घाटी में भगवान रघुनाथ को सबसे बड़ा देवता माना जाता है. ऐसा कहा जाता है कि  हजारों देवता उनके आगे शीश झुकाते हैं.


Read: राम ने नहीं उनके इस अनुज ने मारा था रावण को!


इस तरह से त्रेता युग में भगवान श्रीराम द्वारा अयोध्या में बनाई गई यह मूर्ति हिमाचल प्रदेश के एक मंदिर में आकर स्थापित हो गई. Next…


Read more:

किस गर्भवती ने दिया था सीता को राम से वियोग का श्राप

माँ काली को चढ़ा दिया जाता राम का रक्त अगर हनुमान ने छल न किया होता!

क्या माता सीता को प्रभु राम के प्रति हनुमान की भक्ति पर शक था? जानिए रामायण की इस अनसुनी घटना को


Read Comments

    Post a comment

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *

    CAPTCHA
    Refresh