महाभारत भारत और विश्व का ऐसा महाकाव्य है जो वास्तविकता के अत्यंत निकट है. इसकी पंक्तियाँ सांसारिक व्यवहारिकता को व्यक्त करती है. ये ऐसी बातें है जो इंसान के पथ-प्रदर्शक का कार्य करती है. विषम परिस्थितियों में इन पंक्तियों के द्वारा समस्याओं का समाधान किया जा सकता है. पढ़िए महाभारत में वर्णित ऐसी ही कुछ व्यवहारिक बातों को…..
1. गरीब-अमीर, ज्ञानी-अज्ञानी और साहसी-कायर के बीच दोस्ती कभी नहीं हो सकती.
2. व्यक्ति को विवेकपूर्ण और तार्किक बातों को अपने जीवन में अपनाना चाहिए बजाय इसके कि वह संसार में अधिकतम लोगों द्वारा किए जा रहे कार्यों का अंधानुकरण करे.
3. कृपा से किसी के कामनाओं की तुष्टि नहीं की जा सकती. कामना से ग्रसित व्यक्ति अग्नि के सामान जलते रहता है.
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4. क्षमा और प्रतिशोध हमेशा अच्छे नहीं होते. व्यक्ति में दोनों गुण होने चाहिए.
5. अकारण आत्म-प्रशंसा सदैव अनुचित ही होती है.
6. सच और असत्यता के बीच अंतर जाने बगैर सत्य का अभ्यास करने वाले मूर्ख होते हैं.
7. इस संसार में कार्य करने वाले लोग सदा सफलता को प्राप्त करते हैं. आलसी कभी सफल नहीं हो सकते.
8. क्रोधी ‘क्या कहा और क्या नहीं कहा जाना चाहिए’ के बीच के अंतर को भूल जाता है.
9. असफलता मिलने पर कभी निराश नहीं होना चाहिए. सफलता कई परिस्थितियों पर निर्भर करती है.
10. जीवन में असंतोष सौभाग्य की जड़ है. असंतुष्ट व्यक्ति चाहे तो बड़ी से बड़ी सफलता पा सकता है. Next…..
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